उतरते उतरते कुछ लोग दिल से उतरते जा रहे हैं। उतरते उतरते कुछ लोग दिल से उतरते जा रहे हैं।
वह व्यथा वह व्यथा
रात कितनी ही अंधेरी क्यों न हो, उजाले ही सदैव विजय हुआ करते। रात कितनी ही अंधेरी क्यों न हो, उजाले ही सदैव विजय हुआ करते।
कुछ लोग ऐसे भी देखे है हमने झुके हुए कंधे और खुश्क हुए होंठ कुछ लोग ऐसे भी देखे है हमने झुके हुए कंधे और खुश्क हुए होंठ
खुद तिल-तिल सुलगकर राख होती रहती है.....। खुद तिल-तिल सुलगकर राख होती रहती है.....।
बहुत मन था, उसे वापस एक बार प्यार करने का, पर फिर अगर उससे बेवफाई ही पायी तो ? बहुत मन था, उसे वापस एक बार प्यार करने का, पर फिर अगर उससे बेवफाई ही पायी तो ?